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चैत्र (Chaitra)
चैत्र का महीना
यह हिंदू कैलेंडर का पहला महीना है। इसी महीने से गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह महीना मार्च-अप्रैल में पड़ता है।
चैत्र मास के पर्व-त्यौहार
बसोड़ा-
चैत्र माह के अष्टमी तिथि को भारत के कई हिस्से में बसोड़ा नामक पर्व को उत्साह के साथ मनाया जाता है। बसोड़ा इस वर्ष 4 अप्रैल को मनाया जाएगा।
पापमोचिनी एकादशी –
चैत्र मास की कृष्ण एकादशी बहुत ही शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस एकादशी का उपवास करने से सभी प्रकार के पापों का शमन होता है। .यह व्रत 7 अप्रैल 2021 को रखा जाएगा।
चैत्र अमावस्या –
चूंकि यह संवत्सर की पहली अमावस्या होती है इसलिये इसे पितृ कर्म के लिये बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है। अपने पितरों की शांति के लिये इस दिन तर्पण करना चाहिये। 12 अप्रैल को यह दिन मनाया जाएगा।
गुड़ी पड़वा (हिंदू नववर्ष) –
चैत्र मास बहुत ही शुभ मास माना जाता है। क्योंकि इसी से हिंदू नव वर्ष या कहें संवत्सर की शुरुआत होती है। मान्यता है कि इस दिन की शुरुआत सूर्य देवता को अर्घ्य देकर सूर्यपूजा से करनी चाहिये व साथ ही धार्मिक स्थलों पर जाकर
स्नान दान करना चाहिये। इस बार यह दिन 13 अप्रैल को मनाया जाना है।
चैत्र नवरात्र –
चैत्र मास का विशेष आकर्षण होते हैं मां की उपासना के नौ दिन शुक्ल प्रतिपदा से लेकर नवमी तक माता के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। 13 अप्रैल को इस शुभ पर्व की शुरूआत होगी।
राम नवमी –
चैत्र शुक्ल नवमी को प्रभु श्री राम की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि रामलला का जन्म इसी दिन हुआ था। इसलिये यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार राम नवमी 21 अप्रैल को पड़ रहा है।
कामदा एकादशी –
चैत्र शुक्ल एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्री हरि यानि विष्णु भगवान की पूजा की जाती है। 23 अप्रैल 2021 को कमदा एकादशी मनाया जाना है।
हनुमान जयंती -
इस दिन बाल मारूती का जन्म देवी अंजना व केसरी के घर हुआ था, यह दिन चैत्र माह के पूर्णिमा के दिन पड़ता है। इस बार दिन 27 अप्रैल को पड़ रहा है।
चैत्र पूर्णिमा –
संवत्सर की पहली पूर्णमासी होती है। इसलिये यह पूर्णिमा उपवास दान-पुण्य आदि धार्मिक कार्यों के लिये बहुत ही शुभ होती है। चैत्र पूर्णिमा इस बार 27 अप्रैल 2021 को पड़ रहा है।